Rupesh kabr ho jaa

 जिनके अरमान इश्क ने बरबाद किए हो

जिनके मुकाम इश्क में बरबाद हुए हो

ऐ रूपेश

तेरी बददुआएं किसे रास आएगी

तेरे दर्द के अफसाने वो न सुन पाएगी

तू अगले जन्म की उम्मीद रख

तेरी ज़िंदगी फिर गुलज़ार न हो पाएगी

तू कब्र हो जा रूपेश|

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