Small poems
अरे जिनकी बात तू करता है|
जिनके लिए तू लड़ता है||
उन्हें खामोशियाँ से प्यार है|
उनके लिए तू बेकार बोलता है||
अँधेरों की आदत है जिन्हें|
रोशनी के फलक से डर लगता है उन्हें||
तू छोड़ दे चिराग की उम्मीद|
उनको सूरज भी धोखा लगता है||
थक जाएगा तू लड़ लड़ के|
मर जाएगा अहले वतन के लिए||
उन्हें गुलामी का शौक है|
आज़ादी से उनका जी घबराता है||
लोग आते हैं|
लोग जाते हैं||
पर मंजिलों के रास्ते नहीं बदलते|
वो आज भी मेरे घर से ही होकर जाते हैं||
ओह
थक चुका हूं मैं
क्यू देखना होता है मुझे||
जो मैं देखना नहीं चाहता
तसवीर जो बयान करती है||
वो बन|नेवाली की हसरत भर है||
सच नहीं है वो
जो दिख|ती है तस्वीर||
सच तो कुछ और है||
ढकोसलो से उब गया हू में||
तू नहीं दिखता है मुझे
बेहतर है||
दिखता तो तू खुदा नहीं होता||
तू सबका है||
क्या फर्क पड़ता है की
कोई हिंदू हो
या कोई मुसलमान हो||
नाम ही तो अलग है
बाकी सब एक है||
काफिर तो सब है यहाँ
तुझे मानता ही है कोन यहाँ||
जिन्हे आप जानते हैं
उनसे आप प्यार करते हैं||
और जिन्हे नहीं जानते है
उनसे बस वोट माँगते हैं||
अगर इतना आसान होता इतिहास मिटाना
तो मिटा देता अपने हर कदम||
जहां पहुचा हुं आज मैं
रास्ता ही नहीं बदल देता||
मन मुफीद मंजिल सबको नहीं मिलती
बस राह-ए-गुज़र बेहतर हो||
उनसे मिलने से पहले ही
उनके दुनिया का कायल हो जाउ||
मुझे नाम नहीं चाहिए
चाहो तो मुझे बदनाम कर दो||
मैं तो आशिक हूं
बस उसके दिल में प्यार चाहिए||
तू कभी मेरा नहीं होना
तू उनका ही हो जा||
मैं तेरे लायक नहीं
तू उनके ही लायक है||
दिल में कोई गिला न रखना
मुझे तुमसे कोई शिक़ायत नहीं||
अक्सर ऐसा ही होता है
जिनके पास अक्ल नहीं
पैसा उनके पास ही होता है||
मोहब्बत मेरे किस्मत में तो थी
निभाने की कुव्वत नहीं थी||
वाह वाह वाह
क्या दस्तूर निभायी है||
जिनका होना था तुम्हें
उनसे ही फासले बनाई है||
वक़्त अभी भी तेरे हाथ में है
पलट दे पासा||
कोन रहता है यहाँ हमेशा
वक़्त ने सबको धूल चटाई है||
कर ले खुद पे भरोसा
परीक्षा की घड़ी आई है||
अक्सर ऐसा होता है
जो दिखता है||
वही अच्छा लगता है||
फुरसत किसे है ये जान ने का
असल में पर्दे के पीछे कोई और होता है||
क्या इंसान है
बड़ा बेग़ैरत है
वक़्त का मुफीद है
झूठा यार है
समय बदलते देर नहीं लगती
आज जो तेरा है
कल किसी और का होगा
तू इंकार मत कर
तू कईयों की उम्मीद है
तू हार जायेगा
तो बहुत मुश्किल होगी
तेरे भरोसे ये आम है
तू ही इनका खास है
तू क्यू परेशान है
ये दुनिया तेरी नहीं है
तू खुद पे ध्यान दे
तेरा मालिक कोई और है||
तू मुक्त है
और मैं आज़ाद हूं
तेरा रास्ता कुछ और है
और मेरी मंजिल कुछ और है
तू दिखता कुछ और है
और मैं दिखाता कुछ और हूं
सहर आज रंगीन है
बिना किसी जुलूस के
दिल में जो ख़ुशी है
रोशन पूरा हिंदुस्तान है....
Tujhe gurur kis baat ka hai
Tu kuch hota to baat alag hai
Khud ke banaye aasma ka parinda hai
Najar khol ke dekh
N yaha koi aasma hai
N yaha koi parindaa hai.....
Comments
Post a Comment