Chhoti chhoti shayari-2

 क्या सिला दिया तूने प्यार का

हम तुम्हारे हो गये

और तुम किसी और के

हम फ़ना हो गए तुम्हारी याद में

और तुम चाँद हो गए किसी और के आसमां के||




क्या सिला दिया तूने प्यार का

हम तुम्हारे हो गये

और तुम किसी और के

हम फ़ना हो गए तुम्हारी याद में

और तुम तुलसी हो गए किसी और के आंगन के||


क्यू लौट के आये तुम जिंदगी में

अँधेरों की आदत हो गई है मुझे

रोशनी से अब डर लगता है

मुझे तो चाँद चाहिए

जुगनूओं का क्या करूंगा मैं||



जाहिर नहीं करता हूं 

तो इसका मतलब ये नहीं 

कि मैं तुमसे प्यार नहीं करता

संभालना जानता हूं प्यार

शराब पी के भी नशा नहीं होने देता

शराबी हु तमाशाई नहीं

आशिक हूं आवारा नहीं||



इस शहर में बहुतों से मिला

बहुतों से प्यार भी हुआ

तेरी बात कुछ अलग थी

तेरी ही याद बस रह गयी

अब भी जब गुज़रता हूं इस सहर से

तेरी ही याद आती है बस मुझे||



कहने को पूरी जिंदगी ही मोहब्बत में थी

बस प्यार ही था

कभी कोई यार नहीं था

मसलन इश्क ही था

कुछ पाने की हसरत नहीं

नाकामी ही कह लो

पर कोशिश जबरदस्त थी

मुझ पे शक मत करो

सहर ही बेवफ़ाओं का था

तुम आज भी पूछ लो

मैं शायर बदनाम था

फ़क़त मैं अकेला ही रह गया

और आशिक भी||


जला दो मुझे

मर तो जाऊंगा

रोज-रोज के इश्क से आजाद तो हो जाऊंगा

बड़ी नाइन्साफी है

आखों की गलती है

और सज़ा दिल को मिले

हुस्न का बाज़ार है

नजरें फंस जाएं तो बेचारा दिल क्या करें||



तुझे जाना है तो चली जा

मेरा हाल ना पूछ

ज़्यादा प्यार ना दिखा

जी लूंगा मैं अपनी जिंदगी में

मर भी गया तो क्या

मत बन  मेरी जिंदगी का   तारा

मुझे सूरज की  तलाश है||



मैं क्यू पूछू कि तू कोन है

मुझे खुद का पता कहा मालूम है

मैं खुद सहर में नया हूँ

मुझे तो खुद जरूरत है पहचान की||








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