इश्क के बारे में
एक दौर बिता दिया
हमने उनकी याद में
और लोग मुझे सिखा रहे हैं
इश्क के बारे में
वो इश्क फरमाते हैं
और हम इश्क जीते हैं
उनकी मेहबूब उनके साथ होती है
हमारी तो रूह से जुड़ती है
एक पल ना मिलें तो वो बेचैन हो जाते हैं
हमारा हर एक पल बीतता है उनके इंतज़ार में
और लोग मुझे सिखा रहे हैं
इश्क के बारे में||
रूपेश रंजन
तेरी आखों में क्या है असर
पुछे पूरा सहर
जो भी देखे उनको
डूब जाए ऐसे की
वो आखें नहीं
है कोई समंदर
मैं तो डूबा ही रहता हूँ
बस सहर को बचा लू
ऐसा है मेरा तसव्वुर||
रूपेश रंजन
तेरे से मोहब्बत ने
मुझे शायर बना दिया
तू ना मिली
तेरी याद मिल गयी
इंतज़ार ही इंतज़ार
जिंदगी खाक बन गई||
रूपेश रंजन
शर्म और हया
तेरे आभूषण है
तेरी मजबूरी नहीं
बता दो दुनिया को
लड़ सकती हो तुम
अपने हक के लिए
कोई कामजोर ना समझे
माँ दुर्गा भी एक नारी है||
रूपेश रंजन
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