वक़्त लगेगा फ़िर से एक नये सफ़र पे निकलने में||
डूबते सूरज को देखना
एहसास दिलाता है मुझे
कि एक दिन मैं भी डूब जाऊंगा
लम्बी अँधेरी रात में||
रूपेश रंजन
उससे मिलना
एक इत्तेफाक था
मगर उसका जाना
एक जज्बात था
बन गया सदमा मेरे लिए
जिसके लिए मैं कभी तैयार न था
एक सफर में था
शानदार सफ़र
और इतना दर्दनाक अंत
रुक सा गया हू
वक़्त लगेगा
फ़िर से एक नये सफ़र पे निकलने में||
रूपेश रंजन
तू आती है तो
याद आती है
सारी ख़ुशियाँ
तू चली जाती है
तो भूल जाता हूँ
सारी ख़ुशियाँ
तेरे होने से मैं जिंदा हूं
तेरे बेगैर एक जिंदा मुर्दा
तू समझ ले
मेरे सांसों की डोर तेरे हाथों में है
बिन तेरे
मैं रह जाऊंगा बनके
बस माटी का एक पुतला||
रूपेश रंजन
प्रेम कर
प्रेम बाँट
बदले में प्रेम मिलेगा
नफ़रत करेगा
नफ़रत बाँटेगा
तो बस नफ़रत मिलेगा
यहाँ कुछ नहीं रहना है
सब चला जाना है
जो है
अभी ही है
जो अभी करेगा
उसी से याद किया जाएगा
इसलिए प्रेम कर
और प्रेम बाँट||
रूपेश रंजन
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