तोड़ना आसान है
जल रहा हूं भीतर ही भीतर
तुमने जो आग लगाई थी
छोड़ के ही जाना था
तो तुम क्यू आयी थी||
रूपेश रंजन
रात भर यू बरसती रही
आग दिल में सुलगती रही
दिल में हंगामा मचा था
और मन उदास
कैसी तड़प थी
मिलने की बेचनी थी
इंतज़ार चलता रहा
और रात गुजरती रही||
रूपेश रंजन
छोड़ के चली जायेगी
इस डर से प्यार करना छोड़ दे
दिल टूट जायेगा
इस डर से दिल लगाना छोड़ दे
सनम बेवफ़ा है
तो अपने यार पे यकीन करना छोड़ दे
सबको मरना है एक दिन
मरने के डर से जीना छोड़ दे||
रूपेश रंजन
गुजार दू पूरी रात आपको याद में
एक बार जो कहदो
नींद नहीं आती बिना आप-के बात के
सोता हु आपकी याद में
जगना है तो बस आपकी बात पे||
तोड़ना आसान है
बिगाड़ना आसान है
पर टूटी चीज़ को जोड़ना
मुस्किल है थोरा
कितना आसान है तुम्हें छोड़ के चले जाना
तुम्हें धोखा देना
कितना मुश्किल है तुम्हें संभाल के रखना|
प्यार हो जाना कितना आसान है
निभाना कितना मुश्किल है
कह देना कि हम तुम एक नहीं हो सकते
कितना आसान है
पर ये कहना कि हम तुम कभी अलग नहीं हो सकते
इतना आसान नहीं है|
तुमसे अलग हो जाना आसान है
तुम्हारी ख़ामियों के साथ जीना थोड़ा मुश्किल होगा||
रूपेश रंजन
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