प्रेम करती हो तो करो ना
प्रेम करती हो
तो करो ना
डरती क्यू हो
और किस से डरती हो
यहाँ कोई नहीं है
सब तुम्हारे जैसे ही हैं
कोई संकोच नहीं
प्रेम ईश्वर की अभिव्यक्ति है
प्रेम ईश्वर के समीप है
इंसानों के समझ से काफी दूर
कोई तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता
अगर तुम प्रेम करती हो
हम सब ईश्वर से जुड़े हैं
हमें उनकी आंखों में ऊपर बढ़ना है
इंसानों की नज़र में नहीं
खुद को मुक्त करो
ईश्वर के पास पहुंचो
प्रेम करो
बिना किसी डर के
तुम अभय बनो||
रूपेश रंजन
ना कुछ कर रही हो
ना कुछ करने दे रही हो
ऐसे कैसे होगा
कुछ ना कुछ तो करना होगा
बिना कुछ किये कहा कुछ होता है
कुछ ना कुछ करना होता है
खुद से रास्ता बनाना होता है
अपने आप से कुछ नहीं होता है
तुम्हारा सपना है
तुम्हें पूरा करना होगा
मंजिल तुम्हें पाना है
सफर भी तुम्हें तय करना होगा
हालात से तुम्हें ही लड़ना होगा
कोई नहीं आएगा तुम्हारे लिए
कोई नहीं करेगा तुम्हारी मदद
किसी से उम्मीद मत लगाओ
अपना रास्ता खुद बनाओ
पा लो जो पाना है
वक़्त नहीं रुकेगा
बस अफ़सोस रहेगा
कुछ कर लो
या मुझे कर लेने दो..
रूपेश रंजन
सोच है
बाहर निकलेगा ही
खुद ही रास्ता लेगा
अंदर जलता रहता है
गजब की बेचैनी है
शांत तो करना होगा
कोई लिखता है
कोई बोलता है
कोई रंग देता है अपने विचार
मैं सोचता था
कब तक खुद को रोकता
लिखने लगा हूँ
रास्ता ढूंढ लिया हूँ
अंत:मन में शांति आ गई है
कुछ आज़ाद महसूस करता हूँ
अन्तर्द्वंद से निजात पा लिया हूँ
अपने विचारों को आप से सांझा करता हूँ
विचार को खोने का डर भी नहीं
अब खूब सोचता हूँ
और लिखता हूँ
अच्छा लगता है
खाली खाली महसूस करता हूँ
पिछली सोच से मुक्त हूँ
नई सोच का सृजन करता हूँ||
रूपेश रंजन
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