तुम क्या ही पाओगी मुझे छोड़ कर
तुम क्या ही पाओगी मुझे छोड़ कर
जो भी तुम पाओगी
वादा है मेरा
मुझे तो नहीं ही पाओगी
कहोगी कि तुम्हें पाना किसे था
खुद से पुछो
कि तुम्हें जिंदगी भर तलाश किसकी थी...
रूपेश रंजन
आखें उठती है तुम्हें देखने के लिए
वर्ना इस दुनिया में ऐसा क्या है
दिल ए इम्तियाज़ तुम बन बैठे हो
हम दुनिया के दस्तूर आख़िर क्यू निभाये
तारिक ए दुनिया तुम ने इजाद की मेरे लिए
मैं तो तुम्हारे साथ ही दफ़न हो जाऊँगी...
रूपेश रंजन
दिल ए दरिया में तूफान उठता है
तुम्हारे दीदार से
दिल रोशन है
तुम्हारे अंदाज़ से
बेसब्र हो रहा हूँ मैं
तुम्हारे ख्याल मैं
जेहनी तौर पे
खोया हूँ तुम्हारी याद में
ऐसी भी क्या मजबूरी है
जो अब तक हमारे बीच ये दूरी है...
रूपेश रंजन
मुझे सांसें आती हैं
जब भी तुम्हारा ख्याल आता है
जिंदा हूं तो बस मैं कहने के लिए
मेरी रूह का ठिकाना तो तुझ में है
दीदार ए हुस्न से आखें रोशन है मेरी
और मेरे चेहरे की चमक तेरे चेहरे के नूर से है
ये सारे इल्जाम नहीं
मेरा इश्क ए इजहार है तुम्हारे लिए...
रूपेश रंजन
सीख लो लोगो को अहमियत देना
जिंदगी बार-बार मौका नहीं देती
याद रख लो
उनके चले जाने के बाद
जिंदगी तुम्हें भी चैन से जीने नहीं देती...
रूपेश रंजन
गुल ए शाम तेरे साथ बीते
यू ही गुफ्तगू चलती रहे
जिंदगी गुलज़ार है तेरी मुस्कान से
तू आखों से यू ही नूर बरसात रहे
मेरी जिंदगी रोशन है तेरे होने से
खुदा की भी नज़र ना लगे
हमारी मोहब्बत यू ही चलती रहे..
रूपेश रंजन
सही कहते हो जॉन
आसमान तो ज़मीन से कभी नहीं मिलेंगे
और हम इसी उम्मीद में जीते रहेंगे
कि कभी ना कभी हम मिलेंगे
वो जा चुकी है
और मैं आसमान के गिरने का इंतज़ार कर रहा हूँ...
रूपेश रंजन
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