अजब तमाशा चलता है यहाँ
अजब तमाशा चलता है यहाँ
ये सामाजिक कानून
और उनको मानने वाले लोग
कैसे लागू किया गया होगा ये कानून
और कैसे चलाया जा रहा है इतने सालों से
बिना किसी विरोध के
दोनों है इंसान
एक को दर्द होता है
एक को दर्द दिया जाता है
दर्द भोगना उनकी किस्मत है
नारी है
पिछले जन्म की कोई पापिन है
इसलिए उनके साथ जानवर की तरह व्यवहार की जाएगी
हास्यस्पद है
पर सत्य है
धर्म ने सिखाया है
पूर्व जन्म के कर्मों की वजह से ही दूसरी योनि में होती है जन्म
नारी नहीं
अपराधिन है
दंड भोगना इसकी ज़िम्मेदारी है
औरत विधवा हुई
और जीवन में सब कुछ बेरंग
पुरुष भी हुआ विधुर
पर कुछ तो नहीं सुना आजतक
कहाँ कोई पाबन्दी लगायी गई पुरुष के जीवन पे
पता नहीं किसने बनाया ये अँधे कानून
और ताज्जुब है कि आज भी है प्रचलन में...
रूपेश रंजन
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