माफ करना
माफ करना...
मैं शादी करने जा रहा हूं,
वो वादा तोड़ने जा रहा हूं।
जिसे कभी निभाने का ज़िद्द था,
अब हालातों के आगे झुकने जा रहा हूं।
तुम तो बहुत पहले अपना घर बसा चुकी थीं,
अपनी दुनिया, अपना आसमान रच चुकी थीं।
मैं वहीं ठहरा रहा, तुम्हारे इंतज़ार में,
हर घड़ी बंधा रहा, उसी प्यार के विचार में।
सोचा था, शादी कभी नहीं करूंगा,
तेरे बिना जीवन यहीं जी लूंगा।
पर वक्त ने मुझसे मेरे वादे छीने,
जख्म दिए जो भरने मुश्किल थे इतने।
इंतज़ार का हर लम्हा भारी होता गया,
दिल का दर्द और गहरा होता गया।
तुम्हारे बिना खाली लगता हर दिन,
तुम्हारे बिना अधूरी लगती मेरी धड़कन।
हर रात तुम्हारी यादों से बातें कीं,
तुम्हारे नाम की चुपचाप आराधना की।
लेकिन अब सन्नाटे सहन नहीं होते,
इन खामोशियों से लड़ने की ताकत खोते।
माफ़ करना, अगर मेरा दिल तुमसे हट रहा है,
माफ़ करना, अगर कोई और इसे छू रहा है।
ये मजबूरी का रिश्ता है, दिल का नहीं,
ये मेरी हार है, मेरी जीत का नहीं।
तुम्हारे बिना सब कुछ अधूरा था,
हर सपना जैसे टूटा और बिखरा था।
पर ये जीवन अकेले काटना मुश्किल था,
किसी और का साथ लेना अब ज़रूरी था।
तुमने तो अपनी राहें पहले चुन लीं,
मैंने अपने मन को कैद में रखीं।
अब इसे आज़ाद करना चाहता हूं,
खुद को इस कैद से बचाना चाहता हूं।
शायद वो मुझे तुम्हारे जितना प्यार ना करे,
शायद उसका दिल मेरे जैसा इंतज़ार ना करे।
पर अब कोई और रास्ता नहीं बचा,
ज़िंदगी ने मुझे ऐसे मोड़ पर ला खड़ा।
माफ़ करना, अगर मैं बदल गया हूं,
माफ़ करना, अगर मैं झुक गया हूं।
ये मेरी हार है, मेरा अंतिम फैसला,
अब इस दिल को नया साहारा चाहिए।
शायद तुम खुश हो अपनी दुनिया में,
शायद मैं अब पराया हूं तुम्हारी कहानी में।
पर मेरी कहानी तुम्हारे बिना अधूरी थी,
अब उसे पूरा करने की कोशिश ज़रूरी थी।
मैं शादी करने जा रहा हूं,
लेकिन दिल अभी भी तुम्हारे पास है।
शायद वक्त इसे भी भर देगा,
शायद ये दर्द एक दिन मर जाएगा।
माफ़ करना, पर अब कोई और रास्ता नहीं,
मैं थक चुका हूं, और ये सफर जारी नहीं।
ये नई शुरुआत है, एक मजबूरी की,
शायद एक दिन खुशी लाए, इस दूरी की।
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