जिंदगी में इतना दर्द है

 जिंदगी में इतना दर्द है


जिंदगी में इतना दर्द है,

हर कदम पर एक नई जंग है।

आसमान में बादल घने हैं,

दिल में उलझन के दाग गहरे हैं।


मंज़िलें धुंधली नज़र आती हैं,

राहें कांटों से भरी जाती हैं।

हर सपने के टूटने की सजा है,

हर चाहत का छूटना एक दगा है।


कभी तन्हाई का साया डराता है,

कभी भीड़ में भी दिल तड़प जाता है।

हर सवाल अधूरा सा लगता है,

हर जवाब दर्द में छुपा मिलता है।


चोटें खाकर भी मुस्कुराते हैं,

गिरकर हर बार उठ जाते हैं।

आँखों में आँसू छिपा लेते हैं,

दुनिया के सामने हंसते रहते हैं।


दर्द दिल को कसकर जकड़ता है,

लेकिन उम्मीद फिर भी पकड़ता है।

हर मुश्किल का सामना करना है,

हार मानना हमें कब आया है?


सांसें भारी लगती हैं कभी-कभी,

पर खुद को थामे रखना है हर घड़ी।

इन अंधेरों में भी रौशनी ढूंढनी है,

गिरते तारों में भी दुआ मांगनी है।


दर्द की कहानी लिखते जाते हैं,

हर पन्ने पर हिम्मत रचते जाते हैं।

हर रात को एक सुबह बनाते हैं,

हर आँसू को ताकत बताते हैं।


जिंदगी में दर्द अनगिनत है,

मगर हौंसले का मतलब अमिट है।

हर जख्म को मरहम बना लेते हैं,

हर ठोकर को सबक समझ लेते हैं।


कभी टूटने को मन करता है,

पर हारना हमें कब भाता है?

दर्द से भी इश्क करना सीखा है,

हर तकलीफ को अपना साथी माना है।


जिंदगी में इतनी मुश्किलात हैं,

फिर भी सांसों में जज़्बात हैं।

गुज़र जाएंगे ये अंधेरे भी,

आएगी रोशनी और ख़ुशियां भी।


तो क्यों हार मानें, क्यों रुकें हम?

जब तक धड़कनें चलती हैं, जीते हैं हम।

दर्द को भी अपना साथी मानते हैं,

हर मुश्किल को हंसकर सहते हैं।


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