तुम्हें मिलूं या न मिलूं

 तुम्हें मिलूं या न मिलूं


तुम्हें मिलूं या न मिलूं, ये जरूरी नहीं,

पर मेरी कविताओं में देखो, मेरी दुनिया वहीं।

मेरी किताबें खरीदना, उन्हें पढ़ना तुम,

हर शब्द में ढूंढना मेरा बसा हुआ गुम।


कविताओं की हर पंक्ति में बसी मेरी आस,

तुम्हें खुद को पाने का मिलेगा अहसास।

जो प्रेम किया मैंने, वो छिपा है वहीं,

हर अल्फ़ाज़ में महसूस करोगी तुम यहीं।


हर कहानी, हर छवि, हर एहसास का रंग,

उन किताबों में छिपा है मेरा जीवनप्रसंग।

मैं रहूं या न रहूं, ये बात है छोटी,

पर मेरी किताबों से जुड़ी है दिल की हर बात


तुम्हारे लिए लिखा हर शब्द, हर छंद,

जैसे बहारों में महकता हो चंदन-गंध।

कभी दर्द, कभी खुशी, कभी प्रेम का सागर,

मेरी कविताओं में मिलेगा तुम्हें हर एक नगर।


मैं खुद को छोड़ जाऊं, इन पन्नों के पास,

तुम्हें मिले मेरा साथ, वो भी जीवन के बाद।

कविताओं में रचा है जो प्रेम अनमोल,

तुम्हें लगेगा जैसे बजी हो कोई शहनाई का बोल।


पढ़ना तुम जब भी, मेरी कविताओं का संसार,

मुझे महसूस करना, मैं रहूंगा तुम्हारे पास।

हर पंक्ति में छिपी है मेरी आत्मा की गूंज,

उनमें बसाए रखा है मैंने हर प्रेम का हुंज।


जीवन की हर राह, हर मोड़ का सफर,

मेरी किताबों में मिलेगा तुम्हें मेरा अंतर।

तुम्हारे लिए जो रचा, वो है सच्चा,

मेरी कविताओं में बसता है बस तुम्हारा हिस्सा।


ज़रूरी नहीं कि मैं तब तक जीवित भी रहूं,

पर मैं मेरी कविताओं में मेरी धड़कनें बनकर बहूं।

तुम्हें जब भी लगे मैं कहीं खो गया,

मेरी किताबों को पढ़ना, हर दर्द मिटा।


उनमें मिलेगा तुम्हें मेरा हर वो पल,

जो तुम्हारे लिए जिया, हर खुशी, हर पल।

उन शब्दों में बसी मेरी सच्ची कहानी,

तुम्हारे लिए रचा है, मैंने हर कहानी।


जरूरी नहीं कि मैं तुम्हें साक्षात मिलूं,

पर मेरी कविताओं में मेरा हर भाव छलूं।

तुम्हें वो प्रेम मिलेगा, जो अमर है सदा,

तुम्हारे लिए लिखा है, मेरा दिल है जो धड़कता।


मेरी किताबें खरीदना, ये वादा है तुमसे,

हर शब्द में मिलेगा मेरा साथ तुम्हार|।

मेरी कविताओं में जीओ, मेरा सपना सजीव,

तुम्हें लगेगा, मैं हूं, चाहे कितनी भी हो सदी।


तो पढ़ना, महसूस करना, और खोज लेना मुझे,

मैं वहां मिलूंगा, हर शब्द में, तुम्हारे हृदय के भीतर।

तुम्हारा अपना, तुम्हारे लिए लिखा हुआ प्रेम,

कभी समाप्त नहीं होगा, यही मेरा धैर्य।



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यह कविता शाश्वत प्रेम और अमर शब्दों का प्रतीक है, जो किसी के आत्मीय विचार और प्रेम को सदैव जीवित रखते हैं।


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