यदि प्रेम करना अपराध है तो मैं बार-बार करूँगा यह अपराध
यदि प्रेम करना अपराध है
तो मैं बार-बार करूँगा यह अपराध
यदि प्रेम करना अपराध है,
तो स्वर्गीय भावों का क्या प्रमाण है?
क्या ये दिल की धड़कनें झूठी हैं,
क्या ये आँखों का स्पंदन कोई अपमान है?
अगर प्रेम बंधनों से परे है,
तो इसे अपराध क्यों कहें?
यह तो आत्मा का संगीत है,
जो हर दिल में बहे।
हर सवेरे की पहली किरण,
जब मेरे मन को छू जाती है।
तब तेरा चेहरा याद कर,
यह रूह मुस्कुराती है।
यदि तेरा नाम लेना अपराध है,
तो यह जुर्म सहर्ष स्वीकार है।
तेरे बिना यह जीवन अधूरा,
तेरे साथ सब संसार है।
यदि तेरी राह ताकना गुनाह है,
तो मैं हर रात ये गुनाह करूँगा।
चाँद-सितारों से बातें कर,
तेरी यादों में मैं डूबा रहूँगा।
यदि सपनों में तुझसे मिलना खता है,
तो यह खता मैं हर रात करूँ।
तेरी छवि का चांदनी संग,
मन के आँगन में स्वागत करूँ।
अगर तेरे बिना यह दिल सुनसान है,
तो क्यों न प्रेम मेरा अरमान है।
अगर प्यार को कोई सीमा बाँधती है,
तो यह रूह क्यों बेइंतहा करता है।
तेरी आँखों की गहराई,
इस दिल का सहारा है।
अगर यह भाव जुर्म है,
तो मैं गुनहगारों का शहजादा हूँ।
तेरा नाम जैसे मंत्र,
हर पल मुझे पुकारता है।
यदि तुझसे प्रेम करना पाप है,
तो यह पाप भी पवित्र लगता है।
तेरे बिना सांसें भी बोझ हैं,
तेरे साथ हर गम भी छोटा लगता है।
यदि यह भावनाएँ जुर्म हैं,
तो मैं बार-बार करूँगा यह अपराध।
यह प्रेम तो अमर है,
इसका न कोई अंत है, न शुरुआत।
यदि इसे बंधन में बाँधना संभव हो,
तो यह दुनिया क्यों है इतनी खास।
हर फूल, हर पत्ता,
तेरी महक से जुड़ा हुआ।
यदि यह जुड़ाव गलती है,
तो इस गलती से क्या डरना हुआ।
तेरे बिना मेरे गीत अधूरे,
तेरे साथ हर राग है पूरा।
यदि यह प्रेम मेरे दिल की सजा है,
तो मैं इस सजा का भक्त बना।
यह प्रेम रग-रग में बहता है,
यह तो आत्मा की गहराई है।
यदि इसे अपराध कहते हैं,
तो यह जुर्म ही मेरी सच्चाई है।
तो हाँ, मैं प्रेमी हूँ, गुनहगार हूँ,
तेरी मोहब्बत का उपासक हूँ।
यदि यह सब किसी के लिए अपराध है,
तो मैं हर जन्म इसे दोहराऊँगा।
यदि प्रेम करना अपराध है,
तो मैं बार-बार करूँगा यह अपराध।
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