बहुत याद आती है तुम्हारी

 बहुत याद आती है तुम्हारी


बहुत याद आती है तुम्हारी, हर एक रात के सन्नाटे में,

जब चांद भी ठहर जाता है, मेरे आंसुओं के बहाव में।

तुम्हारी वो मुस्कान, जो एक पल में दिल बहलाती थी,

अब बस एक तड़प बनकर, हर सांस में समा जाती है।


तुम्हारी आवाज़ की गूंज, अब भी कानों में गूंजती है,

हर शब्द तुम्हारा जैसे मेरी रगों में धड़कता है।

वो बातें, वो वादे, जो कभी खत्म नहीं होने वाले थे,

आज अधूरी कहानियों की तरह, यादों में सिमटते हैं।


बहुत याद आती है तुम्हारी, जब अकेला बैठा हूं,

भीड़ में भी गुमसुम, तुम्हें ही सोचता रहता हूं।

हर चेहरा तुम्हारा रूप ले लेता है, हर आवाज़ तुम्हारी,

पर सच्चाई यही है, कि तुम नहीं हो मेरी जिंदगी में जारी।


वो सड़कें, वो रास्ते, जहां साथ चला करते थे,

अब खामोश लगती हैं, जैसे वो भी तुम्हें ढूंढ रही हैं।

हर मोड़ पर तुम्हारा इंतजार रहता है,

पर हर मोड़ खाली, बस दर्द छोड़ जाता है।


बहुत याद आती है तुम्हारी, हर सुबह के उजाले में,

जब सूरज की किरणें भी उदास लगती हैं,

वो दिन, जब तुम साथ थे, जैसे एक सपना था,

अब ये हकीकत, बस एक गहरा घाव सा लगता है।


तुम्हारे बिना, ये जीवन अधूरा लगता है,

जैसे कोई गीत बिना सुरों के, बेमतलब सा।

हर खुशी तुम्हारे बिना फीकी लगती है,

जैसे रंगों के बिना इंद्रधनुष हो।


बहुत याद आती है तुम्हारी, जब बारिश गिरती है,

हर बूंद तुम्हारी यादों की तरह मुझ पर गिरती है।

वो भीगना, वो हंसना, वो प्यार भरे पल,

अब सिर्फ़ दर्द के हिस्से हैं, कोई और नहीं हल।


क्या तुम्हें भी मेरी यादें सताती हैं?

क्या तुम्हारे दिल में भी मेरी आहट आती है?

या मैं ही बस कैद हूं, इन यादों के जाल में,

तुम शायद आजाद हो, अपनी नई चाल में।


बहुत याद आती है तुम्हारी, जब तन्हाई गहराती है,

हर लम्हा तुम्हारी तस्वीर दिल में सजाती है।

ये दर्द, ये खामोशी, ये टूटे हुए सपने,

जैसे कोई कहानी बिना अंत के।


तुमसे दूर, हर पल बोझिल लगता है,

जैसे किसी वीरान जंगल में रास्ता भटकता है।

तुम्हारे बिना ये दुनिया अधूरी है,

और ये दिल, एक खाली कोना, जो तुमसे जुड़ा है।


बहुत याद आती है तुम्हारी, हर एक धड़कन के साथ,

जैसे दिल को कोई बोझ दबाता है बार-बार।

कभी सोचता हूं, तुम्हें भूल जाऊं,

पर यादें तुम्हारी, हर बार पास चली आती हैं।


शायद ये दर्द ही अब मेरा साथी है,

तुम्हारी गैरमौजूदगी में बस यही बाकी है।

बहुत याद आती है तुम्हारी, हर सुबह, हर शाम,

तुम्हारे बिना मेरा जीवन जैसे एक अधूरा पैगाम।



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