सुनो तुम उतर आओ न आज मुझ में
सुनो तुम उतर आओ न आज मुझ में,
तुम्हारे साँसों की ख़ुशबू मुझे अच्छी लगती है।
तुम्हारी हँसी में बसी है रौशनी की किरण,
जैसे चाँद में मिल जाए सूरज की चाँदनी।
मेरे दिल की गहराई में तुम सजा लो खुद को,
तुमसे ही रोशन हो मेरे रातों का सपना।
तुम आओ तो जैसे हवा से महक जाए मेरा जहाँ,
तुमसे मिलकर हर घड़ी जैसे इश्क़ का रूहानी असर हो।
तुम्हारी सासों की खुशबू जैसे गुलाब का रस हो,
हर पल जब तुम पास हो, ये जीवन एक गीत बन जाए।
वो पल जब तुम मुझसे प्यार से कुछ कहो,
मेरी धडकन में एक नयी दुनिया बस जाए।
तुम जो आओ तो आ जाती है बहारें भी,
तुम से महकने से हर रंग निखर जाए।
तुम्हारी मुस्कान में चुपके से समाई है प्यार की ध्वनि,
तुम हो तो ऐसा लगता है जैसे हर दुख दूर हो जाए।
तुम्हारी आँखों में जब मेरी तलाश हो,
मेरी रूह को एक अजीब सा चैन मिल जाए।
तुम मेरे ख्वाबों में बस जाओ तुम,
तुम्हारी साँसों से जो खुशबू है वो मेरी पहचान बन जाए।
तुम जो कहो वो हर लफ़्ज़ हकीकत हो,
तुमसे ही हर रोज़ मेरा मन महक जाए।
तुम आओ तो रंगीन हो जाता है मौसम भी,
तुमसे हर आहट में मेरा दिल मचल जाए।
तुमसे जुड़ी हुई हो हर एक ख्वाहिश मेरी,
तुम हो तो मेरा दिल और धड़कता जाए।
सुनो तुम उतर आओ न आज मुझ में,
तुमसे ही तो मेरे जज़्बात पूरी तरह से बंधे हैं।
तुम्हारी खुशबू में है ये प्रेम बसा,
तुम हो तो हर घड़ी बस यही दुनिया सही लगती है।
तुमसे ही जीता हूँ मैं, तुमसे ही हर पल जिया,
तुम हो तो मेरा हर ख्वाब अब भी हकीकत बन जाए।
तुम मेरे पास हो तो मेरे होने का मतलब है,
सुनो तुम उतर आओ न आज मुझ में।
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