माँ के चरणों में समर्पण

तू मेरा हौसला, तू मेरी जान,

तेरी खातिर कुर्बान मेरा तन-मन-सम्मान।

तू मेरे आसमां की नीली उड़ान,

तेरी माटी की सौगंध, छोड़ दूँ जहाँ।


तेरी राहों में कांटे हों या कठिनाई,

तेरे लिए सब सहूँ, सब पराई।

न धन का लोभ, न सुख की आस,

माँ-धरा के लिए मेरा हर साँस।


मेरे लहू से सींचूँ तेरी हरियाली,

तेरे आँगन में छोड़ूँ अपनी खुशहाली।

कष्टों से लड़ूँ, हर दुश्मन से भिड़ूँ,

तेरे आंचल में चैन से सो सकूँ।


चाहे हो शांति या युद्ध का आह्वान,

तुझ पर मिट जाऊँ, यह मेरा ईमान।

कोई ना तोड़े, कोई ना बांधे,

मेरे दिल में तेरा प्रेम प्रबल, अनमोल ख्वाब जैसे।


तेरे लिए है जीवन, तेरा नाम हो मरने तक,

माँ की माटी से प्यार, यही मेरा धर्म सदा।


Comments