अमर प्रेम

हो सकता है तुम मुझे छोड़ दो,

या फिर मुझे तुमसे दूर होना पड़े,

पर इसका मतलब ये नहीं कि प्रेम बदल जाएगा,

कि तुम्हारे बिना यह दिल धड़कना छोड़ देगा।


मैं तुमसे प्रेम करता हूँ,

यह सत्य है, इस पर कोई पर्दा नहीं।

और प्रेम करता रहूँगा सदा,

यह वादा है, इस पर कोई शर्त नहीं।


मेरा प्रेम किसी परिस्थिति पर निर्भर नहीं,

तुम्हारी सोच से, तुम्हारे निर्णय से परे।

तुम्हें जो भी करना है, कर सकती हो,

पर मेरा प्रेम तो अमर है, अविरल है।


तुम्हारी मुस्कान से यह दिल खिलता है,

तुम्हारे आँसुओं से यह मन पिघलता है।

तुम रहो या न रहो, यह प्रेम स्थिर है,

तुम्हारी परछाईं में यह भाव स्थायी है।


शायद तुम्हारी राह अलग हो जाए,

शायद हम दूरियों में खो जाएँ।

पर मेरी आत्मा का यह प्रेम,

हर दूरी को पार कर जाएगा।


मैं जानता हूँ, तुम्हारा मन क्या चाहता है,

क्या सोचता है, यह मुझे नहीं मालूम।

पर मेरे विचार में तो तुम ही तुम हो,

हर धड़कन में तुम्हारा नाम बसा है।


मेरा प्रेम उस अनंत आकाश सा है,

जो तुम्हारे होने या न होने से नहीं थमता।

तुम चले भी जाओ, पर यह प्रेम सदा रहेगा,

जैसे आकाश में चाँद की धुंधली परछाईं।


इस प्रेम में कोई अपेक्षा नहीं है,

यह बस है, जैसा एक दीप जलता है।

तुम्हारे बिना भी यह ज्योति प्रज्वलित रहेगी,

सदा प्रेम में प्रकाशित, सदा प्रेम में स्थिर।


यह प्रेम बंधनों से मुक्त है,

ना समय की सीमा इसे बाँध सकती है।

ना ही दूरी, ना कोई कठिनाई,

यह प्रेम सदा के लिए मेरा अभिमान है।


हो सकता है हम कभी न मिलें,

शायद यह राहें हमें अलग कर दें।

पर तुम्हारी यादें, तुम्हारा अस्तित्व,

इस दिल की धड़कन में सदा कायम रहेंगे।


मैंने कभी तुमसे कुछ माँगा नहीं,

ना कोई वादा, ना कोई इकरार।

बस तुम्हारी ख़ुशी में मेरी ख़ुशी है,

तुम्हारी मुस्कान में मेरा जहाँ है।


तुमसे प्रेम करना मेरा चुनाव है,

यह मेरे होने का अभिन्न हिस्सा है।

तुम दूर हो या पास, मेरे प्रेम में,

तुम्हारा होना एक अनुभूति है, एक अहसास है।


तुम्हारे बिना यह प्रेम अधूरा नहीं,

यह पूर्ण है, क्योंकि यह सच्चा है।

इसमें कोई संकोच नहीं, कोई प्रश्न नहीं,

बस एक निश्छल, निस्वार्थ भावना है।


मैं जानता हूँ कि इस प्रेम में कोई पाबंदी नहीं,

यह स्वतंत्र है, यह मौन है, यह शांत है।

तुम जाओ या रुको, यह प्रेम सदा रहेगा,

जैसे नदी की धारा निर्बाध बहती है।


तुम्हारे बिना भी यह प्रेम एक सजीव है,

यह मेरे अस्तित्व का आधार है।

तुमसे बिछड़ भी जाऊँ, तो भी मेरा हृदय,

सदा तुम्हारे प्रेम में समर्पित रहेगा।


प्रेम का अर्थ समर्पण है, यह मैंने सीखा,

तुमसे जुड़े बिना भी, तुमसे मुक्त रहते हुए भी।

तुम्हारे बिना यह जीवन अधूरा नहीं,

तुमसे प्रेम में मेरा अस्तित्व पूरा है।


मैं जानता हूँ कि यह प्रेम मेरा निर्णय है,

और इस निर्णय में कोई संदेह नहीं।

यह प्रेम अनंत है, स्थायी है,

जैसे आकाश और धरती की दूरी।


हो सकता है कभी यह प्रेम एक रहस्य बन जाए,

मेरे मन में ही समाया रहे सदा।

पर यह प्रेम कभी फीका नहीं पड़ेगा,

यह सदा एक गहरी चिंगारी की तरह रहेगा।


तुमसे जुड़ा हर अहसास मेरी शक्ति है,

तुम्हारे बिना भी यह प्रेम जीवंत रहेगा।

यह प्रेम किसी चाहत का मोहताज नहीं,

यह बस है, एक शाश्वत धारा की तरह।


तुम्हारे जाने का कोई ग़म नहीं मुझे,

तुम्हारी स्मृतियाँ मेरी ताकत हैं।

यह प्रेम तुम्हारी खुशियों का दीवाना है,

तुम्हारी मुस्कानों का दीदार करता है।


हो सकता है, तुम दूर चली जाओ मुझसे,

शायद कहीं और कोई तुम्हारा हो।

पर मेरा प्रेम तो सच्चा है,

यह सदा मेरे भीतर ही रहेगा।


इस प्रेम में कोई शर्त नहीं, कोई सीमा नहीं,

यह स्वतंत्र है, यह मुक्त है।

यह प्रेम तुम्हारे होने से नहीं,

बल्कि मेरे होने से संपूर्ण है।


तुम चाहे जो सोचो, जो भी चाहो,

मेरा प्रेम सदा तुम्हारे नाम रहेगा।

यह प्रेम मेरा विश्वास है, मेरी आस्था है,

यह मेरे जीवन का एक पवित्र अध्याय है।


मैं जानता हूँ कि यह प्रेम अमर है,

यह समय के बंधन में नहीं बंध सकता।

तुम्हारे बिना भी यह प्रेम पूर्ण है,

क्योंकि यह प्रेम स्वयं में एक संसार है।






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