बहुत याद आती हो
बहुत याद आती हो
बहुत याद आती हो, हर वक्त याद आती हो।
सुबह की पहली किरण में, तुम मुस्कुराती हो।
शाम की ठंडी हवा में, आहट सी लगती हो।
दिन के शोर में, खामोशी बनकर छुप जाती हो।
रात के अंधेरे में, एक सपना बन जाती हो।
नींद के दरम्यान, मीठी सी कसक छोड़ जाती हो।
हंसते हुए दिल में, एक सूनापन भर जाती हो।
रोते हुए अश्कों में, एक नमी बन जाती हो।
तुम्हारी हंसी का जादू, कानों में गूंजता है।
तुम्हारी वो नजरे, दिल को बार-बार तड़पाती हैं।
तेरा वो मासूम चेहरा, आंखों के सामने आता है।
तेरी मीठी बातें, मन को बहलाती हैं।
तुम्हारी यादें, जैसे किताब के पन्ने।
हर पल, हर किस्सा, अनकहा सा गहना।
हर जगह बस तुम्हारा ही चेहरा नजर आता है।
हर अहसास में, तुम्हारी खुशबू रह जाती है।
दिन-रात सोचता हूं, क्यों ऐसा असर है तेरा?
जैसे सांसों का रिश्ता, दिल के अंदर गहरा।
तेरे बिना अधूरा, सब कुछ बेजान लगता है।
तेरी मौजूदगी से, मेरा जहां रौशन होता है।
रोशनी से अंधेरे तक, हर पल में याद आती हो।
तन्हाई के हर कोने में, जैसे साया बन जाती हो।
खुशियों में तेरी कमी, हर खुशी को चुराती है।
गम के पलों में, बस तेरा ख्याल आता है।
हर लम्हा बस तुमसे ही जुड़ा हुआ सा लगता है।
जैसे तू मेरी हर सांस में बसा हुआ सा लगता है।
तेरे बिना दुनिया वीरान, जैसे पतझड़ का मौसम।
तेरे बिना दिल उदास, जैसे बिना रंग का आकाश।
तेरे बिना ये रास्ते, काटों से भरे हुए।
तेरे बिना ये मंजिल, ख्वाब अधूरे हुए।
तेरे बिना ये जीवन, अधूरा सा लगता है।
तेरे बिना हर दिन, सूना सा लगता है।
तुमसे जुड़ी हर बात, दिल को सुकून देती है।
तेरी यादें मेरे जीवन का आईना बन जाती हैं।
तू हो तो हर ख्वाब पूरा, हर सपना साकार।
तू नहीं तो बस अधूरा, जीवन का हर विचार।
तेरी यादों की परछाई, हर कोने में समाई है।
हर धड़कन में बस तेरी, तस्वीर उभर आई है।
हर दर्द में राहत, सिर्फ तेरे ख्याल से मिलती है।
हर खुशी में बस, तेरा नाम जुड़ा लगता है।
बहुत याद आती हो, हर वक्त याद आती हो।
तुमसे दूर होकर भी, हर पल पास आती हो।
इस दिल की ख्वाहिश बस, एक यही पुकार।
तू लौट आ, मेरी दुनिया को फिर से संवार।
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