अब वो वक़्त आ गया है
अब वो वक़्त आ गया है
अब वो वक़्त आ गया है, तुम्हें छोड़ने का,
दिल से लगाकर भी दूर होने का।
चाहा बहुत कि रुक जाऊं, पर न रुक सका,
मेरी मजबूरी है, कुछ नहीं कर सका।
तुम्हारी मुस्कान की वो रोशनी याद है,
जो मेरे अंधेरे में एक चिराग़ थी।
तुम्हारी बातें, तुम्हारा साथ,
मेरी ज़िंदगी का सबसे हसीन भाग थी।
पर वक्त बड़ा ज़ालिम है, सब छीन लेता है,
पलकों के सपने भी धूल में बिखेर देता है।
आज वो दिन आ गया जब दूर जाना है,
दिल का एक कोना हमेशा सूना रह जाना है।
तुम्हारी बाहों का वो सुकून खोने का ग़म,
मेरे सीने में हर पल रहेगा सनम।
तुम्हारी यादें मेरी परछाई बन जाएंगी,
पर इस दिल की तड़प कैसे मैं छुपाऊंगा।
मेरे पास शब्द नहीं तुम्हें समझाने को,
कि ये जुदाई मेरी चाहत नहीं, बेबसी है।
मेरे दिल की हालत पूछो तो,
ये टूटने के कगार पर खड़ी एक नदी है।
मुझे जाना ही होगा, ये राहें बुला रही हैं,
पर हर कदम तुम्हारे नाम पुकार रही हैं।
मुझे माफ करना, जो तुमसे दूर जा रहा हूं,
अपने दिल का एक हिस्सा तुम्हारे पास छोड़ जा रहा हूं।
तुमसे दूर होने का दर्द लफ्ज़ों में बयां न हो सकेगा,
हर धड़कन तुम्हें पुकारेगी, पर कोई जवाब न मिलेगा।
तुम्हारी यादें मेरी सांसों में बस जाएंगी,
और ये आंखें तुम्हारे लिए रोती रह जाएंगी।
ये आखिरी मुलाकात है, ये आखिरी अलविदा,
तुम्हारे बिना ज़िंदगी लगेगी एक सज़ा।
पर मजबूरियां हैं, जिन्हें मैं झुठला नहीं सकता,
तुम्हें अपने पास रखकर भी साथ रख नहीं सकता।
शायद किसी और जनम में फिर मिलेंगे,
जहां ये दुनिया हमारे रास्ते नहीं रोकेगी।
वो वक़्त हमारी मोहब्बत के लिए खड़ा रहेगा,
और हर सपना फिर से हकीकत बनेगा।
तुम्हारी यादों के साए में मैं जी लूंगा,
तुमसे दूर रहकर भी तुम्हें अपने पास महसूस करूंगा।
पर आज के बाद, बस इतना वादा करना,
अपनी मुस्कान को कभी ना खोने देना।
जाना मेरी मजबूरी है, पर प्यार वही रहेगा,
तुम्हारा नाम मेरी धड़कनों में हमेशा गूंजेगा।
तुम्हें भुलाना मुमकिन नहीं, ये मेरा इकरार है,
मेरे जाने के बाद भी तुम्हारे दिल में मेरा अधिकार है।
अब वक़्त आ गया है, तुम्हें छोड़ने का,
पर ये दिल कभी ना सोचेगा तुम्हें खोने का।
बस माफ करना मुझे, जो मैं चाहकर भी रुक न सका,
मुझे जाना ही होगा, मेरा साथ न दे सका।
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