दिल एक परिंदा है

दिल एक परिंदा है

दिल एक परिंदा है, खुले आसमान का चाह है,
हर सिम्त उड़ान भरे, बस यही उसकी राह है।
पंखों में अरमानों की उड़ानें भरी हुई,
हवा से बातें करना, उसकी आदत पुरानी हुई।

चाहे उगते सूरज की लाली को छू ले,
या डूबते चाँद के संग कुछ पल बुन ले।
हर शाख, हर डाल पर बसेरा बनाए,
मिट्टी के बंधन से दूर, अपना जहां बसाए।

कभी डर का साया, कभी तूफान का शोर,
परिंदे का दिल हमेशा उड़ने को हो तैयार।
रुकेगा नहीं, थमेगा नहीं, चाहे कितनी बेड़ियां हों,
इसका सपना है वहां पहुंचना, जहां ख्वाबों के दरिया हों।

दिल एक परिंदा है, आज़ाद परवाज़ का गीत,
हर धड़कन में छिपा है इसका एक अजीब संगीत।
आओ इसे समझें, इसकी उड़ान का जोश,
दिल की इस परवाज़ में ही है हर जीवन का होश।

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