प्रेमियों की मीठी सुबह
प्रेमियों की मीठी सुबह
जागो प्रिय, सवेरा आया,
सूरज ने स्वर्ण रश्मि फैलाया।
पक्षी गा रहे मधुर गीत,
प्रकृति ने छेड़ा सुखद संगीत।
ओस की बूंदें फूलों पर ठहरीं,
सुबह ने खुशबू चुपके से बिखेरी।
तुम्हारी सांसें, धीमी और शांत,
जैसे बहती हवा की मधुर झंकार।
सूरज ने जब चेहरा छुआ,
प्यार का रंग उसमें रचा।
उंगलियों से छुआ तुम्हारा स्पर्श,
सपनों में बसा हमारा हर्ष।
चाय की प्याली, सुबह का उपहार,
साथ में बांटे अनकहे विचार।
नजरों से होती मीठी बातें,
प्यार की डोर जोड़े ये रातें।
बगीचे में संग चलें कदम,
प्रेम में खोए, हर पल सनम।
फूलों ने मानो स्वागत किया,
हमारे प्यार को आशीर्वाद दिया।
सुबह की धुन, प्रेम का गान,
चमके चांदनी, बढ़े आसमान।
तुम्हारी हंसी, सूरज की किरण,
हर दिन को बनाती सुंदर अमन।
समय थमा, दुनिया सो रही,
हमारी प्रेम कथा बस लिखी जा रही।
सुबह का उपहार, सच्चा और मीठा,
प्यार के धागे में बंधा अनमोल चीता।
जैसे-जैसे रोशनी फैलती है,
तुम्हारे साथ हर खुशी खिलती है।
हर सवेरा, मेरा एक वचन,
तुम्हारा साथ, मेरा जीवन यज्ञ।
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