कृष्ण और राधा की अनंत प्रेम कहानी

 कृष्ण और राधा की अनंत प्रेम कहानी


यमुनाजी के किनारे, शांत और गहरे,

जहां लहरें खामोशियों में बसी थीं, जैसे कोई रहस्य छुपे,

वहीं प्रेम पनपा, गहरा और मुक्त,

आत्मा और दिव्यता के बीच अनमोल बंधन।


राधा, जैसे भोर की पहली किरण,

उसकी सुंदरता शुद्ध, सरल और अद्वितीय,

एक गाँव की लड़की, जिसकी आत्मा सच्ची,

कृष्ण की आँखों में बसी थी, जो नीली रात की तरह गहरी थी।


कृष्ण, जैसे तूफ़ान की गहरी रात,

उसकी हंसी मीठी, आँखों में चाँद सा प्रकाश,

फूल की धुन पर बांसुरी बजाता,

जिससे दिल धड़कते और रूहें नाचती थीं।


हर स्वर में, राधा का दिल उड़ जाता,

कृष्ण की बांसुरी में जैसे जीवन बसा हो,

दुनिया की सारी आवाजें गुम हो जातीं,

जब राधा उसकी धुन में खो जाती।


वृंदावन के जंगलों में, उनके कदम मिलते,

दो आत्माएं एक, दो दिल एक हो जाते,

हंसी में, खेलों में, और चुपके वचनों में,

उन्होंने अपनी प्रेम की शपथ ली, बग़ीचे की छांव में।


हाथों में हाथ, वे स्वतंत्र हो जाते,

प्रेम के रहस्यों में खो जाते,

कृष्ण की आँखों में राधा ने एक संसार देखा,

जहां वह थी रानी, और कृष्ण उसका राजा।


चाँद की चाँदनी में वे नृत्य करते,

तारे गवाही देते उनके प्रेम की,

जंगल गूंजता, रात शांत हो जाती,

जब राधा की इच्छाओं में कृष्ण की रूह समा जाती।


लेकिन भाग्य का खेल था कुछ और,

कृष्ण का रास्ता था बड़ा और दिव्य,

कर्तव्य ने उसे दूर बुलाया,

राधा के दिल में बस एक आँसू था।


राधा ने उसे जाते देखा, दिल टूटकर,

लेकिन उसका प्रेम कभी कम न हुआ।

हर सांस में, हर आह में,

वह कृष्ण को महसूस करती थी, कभी दूर न हुआ।


दुनिया कहेगी कि वे अलग हो गए,

पर राधा जानती थी, दिल के भीतर,

हर हवा में, हर पेड़ की शाखा में,

उसका प्रेम हमेशा जीवित था, शाश्वत रूप में।


कृष्ण ने अपना मार्ग लिया, दूर-दूर तक,

लेकिन राधा का प्रेम अडिग रहा।

उसकी आत्मा कृष्ण की अनंत धुन बन गई,

एक भक्ति, जो अटल, शुद्ध और अडिग थी।


कहा जाता है कि राधा का प्रेम था सबसे निस्वार्थ,

जो शब्दों से कहीं अधिक गहरा था।

राधा का प्रेम था सच्चा और अमूल्य,

कृष्ण के प्रति एक बंधन, जिसका कोई अंत नहीं।


जिंदगी और मृत्यु के परे, वे दोनों एक-दूसरे से जुड़े,

सभी आयामों में, एक दिव्य प्रेम।

समय और स्थान से परे, उनका प्रेम था शाश्वत,

जो हर युग में जीवित रहता, एक अद्वितीय कृपा।


तो आज भी, आकाश के नीचे,

उनकी आत्माएँ नृत्य करतीं हैं, जैसे मौसम बदलते हैं,

हर सुबह और हर रात की गोदी में,

उनका प्रेम चमकता है, शाश्वत आशीर्वाद के रूप में।


राधा और कृष्ण, भाग्य द्वारा बंधे,

एक प्रेम जो इस दुनिया से परे था।

जो दिलों में महसूस होता है, जो आत्माओं में देखा जाता है,

वे हमेशा के लिए जीवित रहते हैं, मुक्त और अमर।



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