चला जाऊंगा छोड़ के एक दिन
सच कह रहा हूँ
चला जाऊंगा छोड़ के एक दिन
मैं नहीं रहूंगा तुम्हारा
झूठ नहीं बोल रहा हूं
रोना मत
समझ लेना कि मैं मर चुका हूं तुम्हारे लिए
दिल पे पत्थर रख लेना
सब कुछ भूल जाना
और आगे बढ जाना
मैं तुमसे टकराने वाला बस एक लहर था
जो सागर में लौट चूका है
एक हवा का झोंका था
जिसने तुझे बस एक बार छुआ था
एक नदी था जिसमें बस एक बार तुमने अपने पैर धोए थे
इसके अलावा मैं कुछ नहीं था
मैं था भी नहीं कुछ इसके अलावा
बस एक बूंद जो सागर में मिल चुका है
अपने गंतव्य को पहुंच चूका है..
रूपेश रंजन
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