बहुत याद आती है तुम्हारी..

 बहुत याद आती है तुम्हारी...


बहुत याद आती है तुम्हारी,

हर पल, हर घड़ी, ये तन्हाई।

तुम बिन, जैसे कोई राह नहीं,

जी रहा हूँ बस तुम्हारी यादों के सहारे।


तुम्हारी हंसी की गूंज सुनाई देती है,

आंखों में तुम्हारी तस्वीरें समाई रहती हैं।

दिल हर पल तुम्हारे पास होने की चाहत करता है,

पर फिर भी, तुम दूर होते हो, ये दिल तड़पता है।


बहुत याद आती है तुम्हारी,

तुम्हारे बिना हर दिन अधूरा सा लगता है।

तुमसे मिलने की ख्वाहिश इतनी बढ़ जाती है,

कि दिल रोज़ तुमसे मिलने के लिए तरसता है।


जब भी दिन ढलता है, रात आती है,

तुमसे मिलने की ख्वाहिश और भी बढ़ जाती है।

मेरे ख्वाबों में तुम आते हो,

लेकिन हकीकत में तुम दूर होते हो।


बहुत याद आती है तुम्हारी,

ये दिल तुमसे मिलने के लिए तड़पता है।

कभी सोचा नहीं था कि ये दूरी इतनी गहरी होगी,

कि मैं हर वक्त तुम्हारे पास होने की चाहत में खो जाऊँ।


मेरे दिल की आवाज़ तुम तक पहुँचे,

तुमसे मिलने का पल कभी पास हो।

तुम हो जहाँ, मैं वहीं आऊं,

यही है मेरी तमन्ना

बहुत याद आती है तुम्हारी।


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