मारना है आसानी से आशिक बना दो...
मारना है आसानी से
आशिक बना दो
क्यू ज़हर बर्बाद करोगी
बस दूर हो जाओ उससे...
मारना अगर मकसद है, तो तलवार की जरूरत नहीं,
मोहब्बत का तीर छोड़ो, ये दिल बहुत सहूरत नहीं।
आशिक बना दो, फिर देखो कैसे बिखर जाएगा,
उसकी साँसों में तन्हाई का जहर उतर जाएगा।
ज़हर की बोतल खोलने की क्या जरूरत पड़ेगी?
मोहब्बत की कड़वाहट उसे खुद ही डुबो देगी।
जो पास था, वो दूर होगा, हर उम्मीद चूर होगी,
हर याद उसकी, दिल पर सज़ा की दस्तक देगी।
जहर से मौत तो पल भर का खेल है,
पर मोहब्बत से मिली चोट उम्र भर का मेल है।
दूर हो जाओ उससे, जो तुमसे जी रहा था,
देखो कैसे उसकी दुनिया में अंधेरा घिरा था।
मोहब्बत का धोखा सबसे भारी घाव है,
जिससे दिल का हर कोना सुनसान गाँव है।
ज़हर का असर तो कुछ देर में खत्म होगा,
पर इश्क़ का दंश ज़िंदगीभर नहीं सोएगा।
जब तुम चल दोगी किसी और राह पर,
वो ठहरेगा अपने बिखरेपन की चाह पर।
तुम्हारे बिना उसकी धड़कन का सफर थम जाएगा,
उसका हर ख्वाब, हर अरमान जल जाएगा।
दूर जाना ही काफी है, सज़ा खुद मिल जाएगी,
उसकी हँसी उसकी तन्हाई में खो जाएगी।
आँसू बहेंगे, मगर वो सब छुपा लेगा,
दुनिया से अपने दर्द का हर सबक छुपा लेगा।
तो क्यूँ जहर को बर्बाद करने की ज़रूरत है,
मोहब्बत का धोखा ही सबसे बड़ी सूरत है।
बस दूर हो जाओ, और देखो तमाशा,
कैसे जलते हैं दिल, कैसे बुझता है दिलासा।
मारना है अगर आसानी से, आशिक बना दो,
फिर उसकी मोहब्बत को दर्द का समंदर बना दो।
बस इतना ही काफ़ी है उसे तोड़ने के लिए,
हर खुशी, हर सुकून उसके छीनने के लिए।
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