मेरी किताबे खरीदना...

 मैं तुम्हें मिलु ना मिलु

मेरी कवितायेँ पढना

मेरी किताबे खरीदना

तुम खुद को पाओगी उन कविताओं में

और महसूस करोगी

तुम मिल रही होगी मुझसे मेरी कविताओं के माध्यम से

मेरा प्यार तुम्हारे लिए

तुम महसूस करोगी उन कविताओं में

जरूर खरीदना मेरी किताबें

जरूर पढना मेरी किताबें

जरूरी नहीं कि मैं तब तक जिंदा भी रहूँ

मेरी किताबों में मुझे ढूँढना

मुझे महसूस करना


सच है कि मेरी सारी कविताओं की प्रेरणा तुम्ही हो

मेरे कविताओं में वर्णित सुंदरता तुम्हारी ही है

इस संसार में मैंने तुमसे ज्यादा सुंदर कुछ नहीं पाया

तो लिख दिया मैंने तुम्हारे सुंदरता के बारे में

जो भी प्रेम का वर्णन है

वो हमारे प्रेम से ही प्रेरित है

इसलिए जब तुम पढ़ोगी मेरी कविताएँ

फिर से जिंदा हो जायेंगी हमारी तुम्हारी मुलाकातें

हमारी तुम्हारी यादें

तुम जानती हो

मैं प्रेम के सिवा कुछ नहीं लिख पाता हूँ

सच है कि मैं तुम्हारे अलावा कुछ नहीं लिख पाता हूँ

मैं जो लिखता हूँ

तुमसे ही संबंधित है

वो चाहे प्रेम हो या प्रकृति या मानव संबंध


मैं कहीं नहीं गया हूँ तुम्हें छोड़ कर

मैं इसी दुनिया में हूँ

बस एक बार मेरे किताबों के पन्नों को पलटकर देखना

रूपेश तुम्हें वैसा ही मिलेगा

जैसा तुम उसे जानती हो

रूपेश तुमसे ही प्रेम करता है

और सृष्टि की समाप्ति तक तुम्हारा ही रहेगा... 

रूपेश रंजन

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