"जीवन में एकाकीपन और इसका महत्व"
"जीवन में एकाकीपन और इसका महत्व"
कभी कभी तो लगता है, जीवन सूना सा लगता है,
जब सब होते हैं पास, फिर भी दिल बुझा सा लगता है।
मन के अंदर गहरे कोई थमा हुआ शोर है,
यह एकाकीपन ही तो शायद कुछ और है।
जब दुनिया की हलचल से थक जाता है दिल,
तो सन्नाटे में मिलता है सुख, जैसे हो कोई पल।
अकेलेपन में बसी होती है वो खास आवाज़,
जो हमें सुनाई देती है, जब खामोश हो जाएं सभी राज।
यह अकेलापन नहीं, एक यात्रा का हिस्सा है,
जो हमें खुद से मिलने का एक अवसर है।
दुनिया के शोर में खोने से, कभी बचना चाहिए,
कभी तो खुद को जानने का समय निकलना चाहिए।
कभी-कभी दिल की सुनो, यह तुम्हें बताएगा,
जो बातें तुम्हारी आत्मा को समझाएगा।
अकेलेपन में हमें मिलती है शांति का अहसास,
जो नहीं मिलता है, दुनिया की भागदौड़ के पास।
यह अजनबी अकेलापन, कुछ सीखने का है रास्ता,
यह हमें खुद से प्यार करना सिखाता है सच्चा।
यह वह जगह है जहाँ हम अपने विचारों को पालते हैं,
खुद से मिलकर फिर, नए रास्ते को तलाशते हैं।
कभी कभी जीवन की राहें मोड़ देती हैं अकेलापन,
यह हमें सिखाता है, असल सुख है आत्मसंयम।
हर दर्द और खुशी के बीच, जो है अदृश्य सूत्र,
वो अकेलापन ही हमें देता है हर उत्तर।
यह हमें दिखाता है, कि हम अपनी यात्रा में अकेले हैं,
लेकिन यही अकेलापन हमें जीवन का अहसास दिलाता है।
एक समय आता है जब हमें खुद को समझना पड़ता है,
तभी हम जान पाते हैं, जीवन को सही तरीके से जीना पड़ता है।
अकेलापन हमें यह सिखाता है, कि हमें खुद को चाहिए,
यह एक अज्ञात साथी है, जो साथ चलता है सच्चाई के मार्ग पर।
जब हम अकेले होते हैं, तो दिल की आवाज़ को सुनते हैं,
और समझते हैं, जीवन का सबसे बड़ा सुख, आत्मनिर्भरता होती है।
अकेलापन कोई शाप नहीं, यह तो एक तोहफा है,
जो हमें खुद से मिलने का एक अनमोल मौका है।
हर एक घड़ी में, जब हम अकेले होते हैं,
तो हम खुद को बेहतर समझते हैं और निखरते हैं।
इसलिए, अकेलेपन को अपनाओ, न डरकर जियो,
यह जीवन के सबसे बड़े गुर को जानो और समझो।
कभी कभी अकेले रहकर, हम सबसे ज्यादा पाते हैं,
वो आंतरिक शांति, जो बाहरी दुनिया से दूर होती है।
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