"तू चली गई, तो मुझे भी साथ ले लेती"...

तू चली गई, तो मुझे भी साथ ले लेती,

इस वीरान सफर में मुझे भी राहत दे देती।

तेरे बिना हर बात अधूरी लगती है,

काश जाते-जाते कुछ हंसी सौगात दे देती।


तेरे बिना ये दिल बेजान सा है,

काश इस दर्द को थोड़ा विराम दे देती।

हर सुबह अब सूनापन लेकर आती है,

तेरे बिना ज़िंदगी को क्या अंजाम दे देती।


तेरी यादों का हर कोना मेरा सहारा है,

काश इन लम्हों को भी कोई किनारा दे देती।

जाते-जाते मेरे ख्वाबों को मत तोड़ती,

काश उम्मीद का कोई दरिया बहा देती।


अब हर रात तुझे देखने को तरसती है,

काश ख़्वाबों में ही सही, एक मुलाकात दे देती।

तू चली गई, तो मुझे भी साथ ले लेती,

इस अधूरी कहानी को मुकम्मल अंजाम दे देती।


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