अब जाऊँ भी तो जाऊँ किसके पास तुम्हारे प्यार में सबको छोड़ दिया

अब जाऊँ भी तो जाऊँ किसके पास

तुम्हारे प्यार में सबको छोड़ दिया


तन्हा रातों ने मुझसे ये कहा,

किसके लिए तूने हर रिश्ता तोड़ दिया।

दिल की खामोशी में बस तुम ही बसे,

हर खुशी का दरवाज़ा खुद ही बंद किया।


सपनों के महल, जो तुमसे सजाए,

वो बिखर गए, मगर तुम न आए।

जिन राहों पर तुम्हारे लिए कदम रखे,

उन राहों ने ही मुझे भटका दिया।


अब जाऊँ भी तो जाऊँ किसके पास,

तुम्हारे प्यार में सबको छोड़ दिया।

आँखों के आँसू भी अब सूख चुके,

दिल ने दर्द को ही अपना मान लिया।


जिन्हें अपना समझा, वो बेगाने हो गए,

और जिनके अपने थे, वो पुराने हो गए।

तुम्हारे बिना अब कुछ बचा नहीं,

ज़िंदगी को मैंने बस यों ही जी लिया।


अब जाऊँ भी तो जाऊँ किसके पास,

तुम्हारे प्यार में सबको छोड़ दिया।


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