हाथों में हाथ, आँखों में मेरी तस्वीर...

हाथों में हाथ, आँखों में मेरी तस्वीर

बिखरी ज़ुल्फें, और एक मुस्कान की तासीर।

हर शाम की तरह ही ये शाम है ,

पर तेरा साथ इसे खास बना गई।


हाथों में तेरा हाथ जब थाम लेता हूँ,

हर दर्द, हर ग़म पीछे छोड़ देता हूँ।

तेरे स्पर्श से दिल को सुकून मिलता है,

हर शाम का चेहरा रोशन हो जाता है।



तेरी आँखों में जो तस्वीर मेरी है,

वो मेरी हर ख्वाहिश की तकदीर बनी है।

तेरी नज़रों में झलकती जो मोहब्बत है,

वही मेरे जीवन की सबसे बड़ी दौलत है।



तेरी ज़ुल्फों का वो बिखरना हवाओं में,

हर लम्हा नया रंग भरता है दुआओं में।

उन लटों के साये में दिल को आराम है,

तेरा साथ मेरे लिए जैसे इक धाम है।



तेरी मुस्कान से ये शाम खिल उठती है,

हर उदासी में नई रोशनी मिलती है।

जैसे चाँद की चांदनी भर दे अंधेरे में,

वैसे ही तू सजाए हर पल मेरे चेहरे में।



हर शाम जो पहले बस गुज़र जाया करती थी,

तेरे आने से जैसे ज़िंदगी सी बन गई।

तेरा साथ, तेरी बातें, वो हर इक एहसास,

हर पल को बनाते हैं बेहद खास।



तेरे साथ चलने का जो सुख है,

वो किसी और एहसास से ऊपर है।

हर कदम पर तेरा साथ जब मिलता है,

दुनिया का हर कोना अपना लगता है।



तेरी आँखों में बसी वो मीठी मुस्कान,

जैसे बहारों ने रच दिया हो नया गान।

हर लम्हा जो तू पास होती है,

दिल को बस तेरी आस होती है।



तेरा होना ही शाम को खास बना देता है,

तेरी मौजूदगी से वक्त ठहर सा जाता है।

हर बात में तेरी मोहब्बत झलकती है,

तेरा साथ हर पल को अमर करती है।



हाथों में हाथ और वो मुस्कुराना,

जैसे किसी ख्वाब ने सच हो जाना।

तेरी तस्वीर मेरी आँखों में बसती है,

तेरे बिना हर शाम अधूरी सी लगती है।



हर शाम में तेरा साथ यूँ ही रहे,

हर खुशी तेरे आसपास यूँ ही रहे।

हाथों में हाथ, ये सफर चलता जाए,

तेरे प्यार का गीत यूँ ही हर पल गाए।

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