तुम्हारा रूपेश

कहां कुछ बदला है

अब भी तो मैं वही हूं

तुम्हारा रूपेश

एक पाकीजा दिल

और तुम्हारा इंतज़ार

हर साल की तरह

मिलने की उम्मीद नहीं

भूलना जैसी कोई बात नहीं

अभी भी सफर में ही हूं

शायद कहीं दिख जाओ तुम

मिल जाओ मुझे

और झाँक लू तुम्हारी आँखों में

कल का दिन 

हमेशा की तरह ही

सालों से आज भी

बिलकुल एक जैसा

मैं सफ़र में तुम्हारा इंतज़ार करता हुआ

तुम भी जानती हो

सब बदल सकते हैं

मैं नहीं

ईश्वर के रूप अनेक

रुपेश एक सा ही

तुम्हारा

बस तुम्हारा... 

रूपेश रंजन

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