तुम्हारे लिए नया साल कुछ खास है...

कौन कहता है कि किसी के आ जाने से दर्द कम हो जाता है

कितने आके चले गए

पर दर्द कहाँ कम हुआ

दर्द तो यूं ही बरकरार रहता है... 

रूपेश रंजन



तुम्हारे लिए तो एक साल लगता है नया साल आने में

मेरे से तो एक पल भी नहीं काटा जाता 

कितने साल बीत गए

कुछ याद नहीं

वो बस याद है

और कुछ खास नहीं... 

रूपेश रंजन



ऐसा तो कुछ खास नहीं नये साल में

एक उसकी याद है

जो सालों से साथ है

उसे ही रखना है साथ अगले साल भी

और उसके बाद भी... 

रूपेश रंजन




तुम्हारे लिए कितना कुछ बदल जाता होगा नये साल में

और मुझे बदलना ही नहीं है उसके लिए... 

रूपेश रंजन



तुम्हारे लिए नया साल कुछ खास है

मेरे लिए बकवास है

मैने शाम में ही पुल के नीचे 

ठंड से सिसकती कुछ सांसे देखी है

आधी रात में जब तुम पटाखे फोड़ रहे होगे

उम्मीद करता हूं उनके लिए ठंड थोड़ी कम हो जाए

मेरा हृदय तो बर्फ के समान जम चूका है

उम्मीद है पटाखों से उपजे उष्णता से मेरा दिल थोड़ा पिघल जाए... 

रूपेश रंजन

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