कैसे भूल जाते हैं लोग किसी को याद रख के...

कैसे भूल जाते हैं लोग किसी को याद रख के,

मैंने नहीं सीखा अब तक ये सब सह के।

हर पल बसती है उसकी परछाईं दिल में,

कैसे मिटा दूं उसे आंखों में बसाके।


कैसे भूल जाते हैं लोग किसी को प्यार करके,

मैं तो हर सांस में जिया हूं उसे चाह के।

दिल ने जो लिखा था उसके नाम का अफसाना,

कैसे मिटाऊं वो लफ्ज़ कागज़ पे उतार के।


वो बातें, वो मुलाकातें, वो हंसी की बहार,

सब यादों के साए में हैं अब भी सवार।

क्या सच में लोग दिल को समझा पाते हैं?

मैं तो हर रात रो पड़ता हूं उसे याद करके।


वो जो था, वो जो है, और जो रहेगा,

उसके बिना मेरा हर ख्वाब अधूरा रहेगा।

कहते हैं वक्त हर ज़ख्म को भर देता है,

पर मेरा दिल अब तक टूटा है उसे प्यार करके।


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