तुम अपरिपक्व हो...
तुम अपरिपक्व हो
या तुम असुरक्षित हो
या तुम ऐसे रास्ते पर निकल गये हो
जहां बर्बादी निश्चित है
जो होना है होके रहेगा
उसमें कोई दिक्कत नहीं है
कर्म करना महत्वपूर्ण है
परिणाम महत्वपूर्ण नहीं है
जीवन में उपलब्धियाँ महत्वपूर्ण हैं
अच्छा है तुम सफल हो
लेकिन जीवन का दर्शन तुम्हारा स्पष्ट होना चाहिए
तुमको पता होना चाहिए कि तुम क्या कर रहे हो
तुम्हारे जीवन के बुनियादी सिद्धांत स्पष्ट होने चाहिए
निश्चित ही कहूँगा
डरो मत
डर के आगे जीत है
...
रूपेश रंजन
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