प्यार जरूरी है...
प्यार जरूरी है
कहाँ से मिले
ये कब से ज़रूरी हो गया
प्यासे को पानी चाहिए
कुआँ से या नदी से
क्या फर्क पड़ता है
प्यासे को पानी के स्त्रोत से क्या मतलब
पानी के जात से क्या मतलब
पानी प्यास बुझाती है
पानी आग बुझाती है
भूखे को खाना चाहिए
खाना मिलना जरूरी है
खाना कौन देता है
कहां फर्क पड़ता है
खाना की कोई जात नहीं होती
खाना पेट भरता है
खाना पेट की आग बुझाता है
खाना, पानी और प्यार की एक ही जात होती है
इंसान की जरुरत पूरा करता है
इंसान को इंसान रहने देता है
...
रूपेश रंजन
लोग दूसरे में वफ़ाई ढूंढते हैं
लोग दूसरे में अच्छाई ढूंढते हैं
कमबख्त खुद में भी कुछ ढूँढ़ लेते
फ़कत हमारे लिए भी आसान होता
हमें भी कोई वफ़ादार मिलता
हमें भी कोई अच्छा मिलता...
रूपेश रंजन
Comments
Post a Comment