मैं बदल गया हूँ...
मैं वो हूँ ही नहीं जो पहले था,
ईश्वर ने मुझे बदल दिया है।
पलकों में जो सपने पलते थे,
अब वो नए रंगों में ढलते हैं।
जो था कभी क्रोध से भरा,
अब शांत नदी सा बहता हूँ।
जो था कभी उलझनों का जाल,
अब सरल राह पर चलता हूँ।
पहले मुझमें केवल मैं था,
अब हर चेहरे में ईश्वर देखता हूँ।
जो कभी स्वार्थ से भरा मन था,
अब परोपकार का दीप जलाता हूँ।
पल-पल की चिंता में जो जलता था,
अब धैर्य का दीप जलता है।
जो मुझमें केवल शब्द थे,
अब उन शब्दों में अर्थ झलकता है।
ईश्वर ने मुझे दिशा दी नई,
हर पल अब मैं सत्य से जीता हूँ।
जो पहले अधूरी पहचान थी,
अब स्वयं को पूरा महसूस करता हूँ।
गुरु की सीख ने राह दिखाई,
भटके हुए मन को संभाल दिया।
कभी अंधकार में खोया था,
अब प्रकाश ने मुझे मालूम किया।
पहले लक्ष्य धुंधले थे मेरे,
अब हर कदम में स्पष्टता है।
जो भ्रमित था संसार के मायाजाल में,
अब सच्चाई में ठहरता हूँ।
पहले मैं भोग में मग्न था,
अब त्याग में आनंद पाता हूँ।
जो प्रेम केवल शब्दों में था,
अब वह कर्मों में दिखलाता हूँ।
ईश्वर की कृपा से मन शांत है,
जो बिखरा हुआ था, अब संगठित है।
जो द्वेष कभी मन को जलाता था,
अब क्षमा के जल से ठंडा है।
हर रिश्ता अब अनमोल लगता है,
हर पल नया अमृत भरता है।
जो पहले केवल चाहत थी,
अब उसमें सेवा का रंग लगता है।
मैं बदल गया हूँ, हाँ सच में,
अपने आप में एक नया जीवन हूँ।
जो पहले एक साधारण कहानी था,
अब एक प्रेरणा की मिसाल हूँ।
ईश्वर ने मुझे छुआ है कहीं,
उनकी कृपा से जीवन सजीव है।
जो मैं था, वो अब नहीं हूँ,
अब उनका अंश हूँ, मैं वही हूँ।
संसार को देखने का नजरिया बदला,
हर दृष्टि में अब सुंदरता देखता हूँ।
जो पहले केवल खोने का डर था,
अब पाने की संभावना देखता हूँ।
हर क्षण में उनकी कृपा का आभास है,
जो पहले अधूरी सी यात्रा थी,
अब मंज़िल का एहसास है।
मैं बदल गया हूँ, ये सत्य है,
ईश्वर ने मुझे नया जन्म दिया है।
जो मैं पहले था, वो कहीं खो गया,
अब मैं वही हूँ जो उन्होंने गढ़ा।
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