आज की सुबह बड़े पापा के बिना...

आज की सुबह बड़े पापा के बिना,

दिल में उठ रहा है एक तूफान घना।

उनकी यादें जैसे हवा में तैर रही हैं,

आँखों में अश्रु की धारा बह रही हैं।


घर का हर कोना सुना-सुना लगता है,

उनकी हँसी का मधुर संगीत थमता है।

जो बातें सुनाया करते थे हर दिन,

वो अब बस यादों में गूँजती हैं बिन।


बड़े पापा, आपका साया जो हट गया,

जीवन का सहारा जैसे खो गया।

आपकी सीख, आपकी मुस्कान,

अब बन गई हैं मेरे दिल का अरमान।


सुबह की चाय, वो अख़बार की बातें,

सब जैसे किसी कोने में सो गईं रातें।

आपके हाथ का वो स्नेहिल स्पर्श,

आज भी महसूस करता है ये हृदय।


आपकी गोद थी जैसे एक आसरा,

जहाँ दर्द भी मिटता था झट से सारा।

अब वो सहारा भी छिन गया है,

जीवन जैसे ठहर गया है।


जो आपसे मिला था हर संघर्ष का पाठ,

आज उन शब्दों में है बस एक आघात।

आपके बिना यह सुबह अधूरी है,

हर घड़ी आपकी कमी से भरी है।


घर की दीवारें भी रो रही हैं,

आपके बिना मानो चुपचाप सो रही हैं।

हर कोना, हर चीज़, हर याद,

आपके बिना सब लगता है उन्माद।


आज की सुबह में वो चमक नहीं है,

आपकी मौजूदगी का वो सुकून नहीं है।

पर आपके आशीर्वाद की जो छाया है,

वही इस दिल को थामे हुए है।


आपके आदर्श, आपकी छवि,

हमारे दिलों में बस रही है अभी।

आपके बिना ये जीवन कठिन है,

पर आपकी यादों से ये संबल पूर्ण है।


Comments

  1. Frictional relationship with parents.. still nobody can occupy his place.. indeed due to blood relation

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  2. Nice one♥️♥️

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