क्या ही पाना है तुम्हें जो तुम मर के पा लोगे...
क्या ही पाना है तुम्हें जो तुम मर के पा लोगे
जो जी के न पा सके
मर के पा लोगे
क्यों लड़ते हो खुद से इतना
जो मिला उनसे ही मिला
खुद से इतनी शिकायत क्यों
उन्होंने ही बनाया है तुम्हें जरुरत के हिसाब से
इतना गुस्सा ठीक नहीं
कि खुद को ही ख़त्म कर लो
तुम अकेले थोड़े हो
किसी ने बड़े जतन से तुझे दुनिया में लाया है
उनके दर्द के बारे में सोचो
उनपे क्या बीतती होगी
आँखों के सामने अपने मृत बच्चे के शव को देख कर
सिर्फ इंसान ही आत्महत्या करता है
कभी किसी जानवर को आत्महत्या करते देखा है
कि दर्द और विपरीत स्थिति देखकर आत्महत्या कर ले
श्रेष्ठ बनना है
नहीं बन पाए तो आत्महत्या कर लिये
ये क्या बात हुई
खुद से अपेक्षा करना अच्छी बात है
पर पूरा नहीं होने पर आत्महत्या कर लेना समझ से परे है
कभी उनका सोचो जिनके पास कुछ नहीं है
फिर भी वो संघर्ष कर रहे हैं हर एक पल
जीवन को बेहतर बनाने के लिए
तुम्हारे पास इतना कुछ है
फिर भी तुम जीवन समाप्त करने के लिए आमादा हो...
रूपेश रंजन
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