खुद सो जाती है मुझे जगा हुआ छोड़ के

 

खुद सो जाती है
मुझे जगा हुआ छोड़ के,

रातें कितनी लंबी होती हैं,

पुछो मेरी आँखों से।

उस चाँद की तरह जो कभी
साथ नहीं रह सकता पूरी रात,
रह जाती है जो सिर्फ
चाँदनी, तन्हाई में रात।

यादें होती हैं बेतहाशा,
चुपके से तड़पाती हैं,
हर पल सन्नाटे में डूबी,
वो बातें रुलाती हैं।

खुद सो जाती है दुनिया,
जब दिल में तू होता है,
नींद की कमी नहीं होती,
पर तुझे ख्वाबों में ढूंढता हूँ।

तेरी यादों का सिलसिला,
ख्वाबों से निकल कर आता,
चाँद की चाँदनी में बसा,
तेरा ही नाम लहराता।

तन्हाई में तू था कभी,
अब सिर्फ हवा में बसी है,
वो खुशबू तेरी, वो नमी,
साथी बन कर चली है।

खुद सो जाती है दुनिया,
जैसे तुझसे बिछड़ने का ग़म,
रातें लंबी नहीं होतीं,
जब तुम साथ होते थे संग।

तू दूर हो पर पास भी है,
दिल में वही ममता, वही मोहब्बत,
तू सो जाता है, मैं जागता हूँ,
तेरी यादों की राहों पर।

रातें कितनी लंबी होती हैं,
और दिन भी नहीं गुजरते,
फिर भी खुद को समझाता हूँ,
तू कहीं तो वापस आएगा।

आँखों में जो आंसू हैं,
वो कभी रुकते नहीं,
तेरी यादों की लहरों में
हर पल डूबते नहीं।

खुद सो जाती है दुनिया,
मुझे जगा हुआ छोड़ के,
रातें कितनी लंबी होती हैं,
पुछो मेरी आँखों से।

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