तुम्हारे एहसास का जादू...

 

तुम्हारे एहसास का जादू
तुम्हारी बाँहों की छाँव
उस लम्हे की महक,
जो दिल में सदा बस गई।


जब वो कोमल स्पर्श महसूस हुआ,
हवाओं ने मानो कोई गीत गुनगुनाया।
धड़कनों ने नई भाषा रची,
और सांसों ने तुम्हारा नाम लिया।


फिर वो क्षण आया जब पासियाँ टूटीं,
सारे बंधन, सारी सीमाएं झुकीं।
आलिंगन का वो मोहक दृश्य,
जैसे दो नदियों का संगम हो विशुद्ध।


अधरों की छुवन से शब्द खो गए,
वो मौन का संगीत, वो अमर क्षण।
हर स्पर्श में एक कहानी थी बसी,
हर चुम्बन में एक वादा, एक खुशी।


जब दो शरीर एक प्राण बने,
हर एहसास प्रेम में घुल गया।
वो मिलन, वो अनकही अनुभूति,
जो बस हृदय की गहराई में छुपी रही।


हर पल, हर सांस में वो लम्हा,
एक मधुर स्मृति की तरह बहा।
जुड़े हुए वो मन के बंधन,
जो कभी समय के हाथों नहीं ढले।

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