यह पल तुम्हें क्यों जवाब देगा...

 

यह पल तुम्हें क्यों जवाब देगा,
यह पल तुम्हारा क्यों होगा?
यह पल तुम्हारा साथ क्यों देगा,
यह पल तुम्हारे साथ क्यों रहेगा?

यह तो बस एक पल है,
जिसकी कोई मंज़िल नहीं,
न अपना कोई रास्ता,
न वक़्त की कोई बंधन रेखा।

यह पल रहेगा, हर पल रहेगा,
तुम्हारी यादों में,
तुम्हारे सपनों के छोर पर,
तुम्हारी सांसों के हल्के से स्पर्श पर।

पर तुम,
शायद न रहो अगले पल भी,
यह सच है, जो हर दिल समझे,
वक़्त का खेल — जो कभी न थमे।

यह पल चलता रहेगा,
तुम्हारी कहानियों के पीछे,
तुम्हारी परछाईयों को देखता,
पर तुम्हारा नाम शायद भुला देगा।

तो पूछना मत,
यह पल तुम्हारा क्यों होगा,
बस जी लो इसे,
इससे पहले कि यह भी —
किसी और का हो जाए।


Shaayari

यह पल तुम्हें क्यों जवाब देगा,
यह पल तुम्हारा क्यों होगा?
यह पल तुम्हारा साथ क्यों देगा,
यह पल तुम्हारे साथ क्यों रहेगा?
यह वह पल है,
जो हर पल रहेगा,
तुम नहीं रहोगे शायद अगले पल भी।



Shaayari... 


क्यों जवाब देगा यह पल तुम्हें,
क्यों तुम्हारा कभी हो पाएगा?
यह बहती धारा, यह ठहरी लहर,
क्यों तुम्हारे साथ ठहर पाएगा?

यह तो बस एक लम्हा है,
जिसकी हर सांस अधूरी है,
यह हर पल रहेगा,
पर तेरी छाया से दूर ही है।

वो पल, जो धड़कनों में बसा है,
सदा रहेगा, मगर तेरा नहीं,
क्योंकि तुम नहीं रहोगे शायद,
अगले पल की कहानी में कहीं।

वक़्त का हर क़तरा बस चलता है,
न किसी का होता, न किसी को ठहराता है,
तो मत पूछो, ये पल तुम्हारा क्यों होगा,
क्योंकि पल पल तुमसे आगे निकल जाता है।


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