पता नहीं क्यों तुमसे इतना प्यार करता हूं...

 

पता नहीं क्यों तुमसे इतना प्यार करता हूं

पता नहीं क्यों तुमसे इतना प्यार करता हूं,
हर धड़कन में बस तुम्हें ही पुकारता हूं।
जब आंखें बंद करता हूं, तो चेहरा बस तेरा आता है,
तेरी हंसी की गूंज से, मेरा हर पल सजा जाता है।

पता नहीं क्यों तेरी बातों में खो जाता हूं,
तेरी खुशबू से जैसे बहारों में हो जाता हूं।
तेरे बिना सब कुछ अधूरा सा लगता है,
जैसे बिना सूरज के आसमां सूना-सूना लगता है।

पता नहीं क्यों तेरे ख्यालों में डूबा रहता हूं,
तेरे नाम से ही हर ख्वाब को जोड़ता रहता हूं।
तेरी मुस्कान में जैसे जन्नत का नजारा है,
तेरे साथ हर सफर, हर मोड़ प्यारा है।

पता नहीं क्यों तेरा इंतजार करता हूं,
हर लम्हा बस तुझ पर ऐतबार करता हूं।
तू पास हो तो दिल में बहारें छा जाती हैं,
तेरे दूर होते ही सांसें रुक-सी जाती हैं।

पता नहीं क्यों, पर तेरी फिक्र सीने में रहती है,
तेरी खुशी ही मेरे दिल की ताजगी कहती है।
तेरा हर दर्द, हर आंसू, मेरा हो जाता है,
तुझे हंसाने की हर कोशिश, मेरा फर्ज बन जाता है।

पता नहीं क्यों, पर तुझसे जुड़ गया हूं यूं,
जैसे बारिश की बूंदें जुड़ी हों मिट्टी की खुशबू से।
तेरे नाम से ही हर गीत गुनगुनाता हूं,
पता नहीं क्यों, पर बस तुमसे प्यार निभाता हूं।

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