ज़िंदगी के हर अंधेरे में रोशनी...

 

मेरे लिए रात का चाँद तो तुम,
सुबह का सूरज भी तुम हो सनम।
ज़िंदगी के हर अंधेरे में रोशनी,
मेरे ख़्वाबों का उजाला भी तुम।

रात के चाँद की ठंडक सी मुस्कान,
दिलों के जज़्बात का मेहमान।
तुमसे हैं मेरे अरमान सजे,
तुम हो मेरी हर दुआ का पैग़ाम।

सुबह के सूरज सा तुम्हारा नूर,
मेरी दुनिया को करता है पुर।
अंधेरों से लड़ने की ताक़त हो तुम,
मुझमें उम्मीदों की सूरत हो तुम।

तारों की चादर में आई जब रात,
तुम साथी बनके करते हो बात।
रोशनी बनके तुम आए हो मेरे पास,
हर दर्द को तुमने बनाया है ख़ास।

दिन के उजाले में तुम्हारा साथ,
दिल की दुनिया को देता है राह।
हर पल तुम हो मेरी ज़रूरत,
तुमसे ही होती है मेरी इबादत।

मेरे लिए चाँद भी तुम, सूरज भी तुम,
मेरी हर खुशी का साज़ भी तुम।
मेरी ज़िंदगी का हर एक क़िस्सा,
तुम हो तो लगता है सब कुछ आसां।

बस इतना कहूँ ये दिल से सदा,
तुम हो मेरे जीने का नशा।
मेरे लिए रात का चाँद तो तुम,
सुबह का सूरज भी तुम हो सनम।

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