"सबसे बड़े बिज़ी"...
"सबसे बड़े बिज़ी"
कुछ लोगों को लगता है, बस वही हैं खास,
दुनिया में सबसे ज़्यादा, उन्हीं के सिर पर आस।
काम का पहाड़ है, बेचारे दबे हैं,
बाकी सब खाली, बस बैठे कबे हैं।
बैठे-बैठे कहते, "समय नहीं पास है,"
पानी भी पिएं तो मीटिंग के साथ है।
फोन पे ग़मगीन, "बहुत टेंशन है यार!"
पर व्हाट्सएप स्टेटस पे, हर घंटे त्योहार।
सुबह से शाम तक, हाय! कितने व्यस्त,
पर ऑफिस में मिलें तो चाय के संग मस्त।
मेल भेजने में दुनिया की लगती जान,
पर गॉसिप में घंटे का नहीं कोई मान।
जो भी पूछो, जवाब यही, "क्या बताऊँ यार?"
"सोने तक नहीं मिला, सब कुछ बेकार!"
पर रील्स की अपडेट्स हर रोज़ नयी,
कहने को बिज़ी, पर टाइम बहुत सही।
तो सुनो भाइयो, ज़रा सोचो ज़रा,
बिज़ी होने का मत करो इतना बखान ज़रा।
जो सच में काम करते, वो चुपचाप करें,
ड्रामा कम करें, और मेहनत पे मरें!
रूपेश रंजन...
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