बसंत पंचमी का उत्सव🙏🙏🙏

पीली सरसों खिली खेतों में, आयी ऋतु बसंती,

कोयल गाए मधुर रागिनी, बगिया लगे सुहानी।

मंद पवन में भीनी खुशबू, आम्र मंजर लाए,
प्रकृति सजी है पीत वसन में, सबके मन हर्षाए।

माँ सरस्वती वीणा बजाएँ, ज्ञान का वरदान दें,
शिक्षा, बुद्धि और विवेक का, हम सबको संज्ञान दें।

पतंगों से रंगीन गगन है, हर्षित बालक मन,
नव उल्लास, नई उमंगें, खुशियों का संगम।

आओ सब मिल वंदन करें, माँ वीणा की शरण,
सुख, समृद्धि, ज्ञान मिले, हो जीवन का नवल सृजन।

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