तुम बहुत सुंदर हो...
तुम बहुत सुंदर हो
तुम बहुत सुंदर हो,
जैसे पहली बारिश की ठंडी बूंद,
जैसे सुबह की किरणों में निखरती धूप,
जैसे चाँदनी रात की मीठी छांव,
जैसे नदी की लहरों में मधुर बहाव।
तुम्हारी हँसी में है खिले फूलों की महक,
तुम्हारी बातों में झरनों की मीठी छनक।
तुम्हारी आँखों में समंदर की गहराई,
तुम्हारी सोच में आकाश की ऊँचाई।
तुम्हारी चाल में हवाओं की मस्ती,
तुम्हारे स्पर्श में कोमल कली की सजीव बस्ती।
तुम्हारी बातें संगीत की सरगम,
तुम्हारा संग है सबसे मीठा मधुरम।
तुम सुंदर हो सिर्फ रूप से नहीं,
तुम सुंदर हो अपने हर गुण से सही।
तुम्हारे शब्दों में स्नेह की मिठास,
तुम्हारी आत्मा में बसता है विश्वास।
हर रूप में, हर रंग में,
तुम सुंदर हो हर उमंग में।
तुम्हारी सरलता ही तुम्हारी पहचान,
तुम्हारी सादगी ही सबसे बड़ी शान।
तुम बहुत सुंदर हो,
सिर्फ आँखों से नहीं, दिल से देखो,
सिर्फ बाहरी रूप से नहीं,
तुम्हारी आत्मा के उजास से परखो।
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