मेरी लिखी कोई भी कविता मेरे लिए नहीं है
"मेरी लिखी कोई भी कविता मेरे लिए नहीं है,
मेरे जीवन से संबंधित नहीं है।
मैंने खुद के लिए नहीं लिखा है यह सब,
बस जो मेरे मन में आता है,
मैं लिख देता हूँ।
पर एक बात ज़रूर कहूँगा,
जितनी बार भी मैं किसी टूटे दिल के दर्द को बयां करता हूँ,
या किसी के दर्द के बारे में लिखता हूँ,
मैं भी उसी दर्द से गुज़रता हूँ।
मुझे भी लगता है जैसे किसी ने मुझे छोड़ दिया है हमेशा के लिए।
मेरे जीवन में भी दर्द ही दर्द है।
मैं जितनी बार और जितना ज्यादा लिखता हूँ किसी के दर्द के बारे में,
मुझे भी वह दर्द महसूस करना पड़ता है,
तभी लिख पाता हूँ।
अगर ऐसा मैं नहीं करूँगा,
या जितना कम करूँगा,
उतना ही असफल रहूँगा
किसी के दर्द को पन्नों पर उतारने में।
- रूपेश रंजन
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