सम्मान का मार्ग...
सम्मान का मार्ग
लोग अक्सर अपनी गलतियाँ,
इस बहाने में छुपाते हैं—
"मैं सफल नहीं,
इसलिए दुनिया यूँ सताती है।"
पर सच तो ये है,
लोग तो उसको भी पूजते हैं,
जिसे पहचानते तक नहीं।
सिर्फ सफलता ही काफी नहीं,
अगर आचरण में पवित्रता नहीं।
मैंने ऊँचे ओहदों पर बैठे,
लोगों को अपमान सहते देखा है।
अंकों से तुम रोज़गार कमा सकते हो,
पर इज़्ज़त नहीं।
इज़्ज़त के लिए प्रेम करना होगा,
इज़्ज़त के लिए इज़्ज़त देना होगा।
अगर मार्ग भटक गए हो,
तो बस नौकरी मिलेगी, सम्मान नहीं।
सम्मान चाहिए तो राह बदलनी होगी,
या फिर नए जन्म की तैयारी करनी होगी।
रुपेश रंजन...
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