मत करो मुझसे प्यार...
मत करो मुझसे प्यार
पर खुश तो रहो तुम यार।
मुझे देखने से तुम्हें होती है चिड़चिड़ाहट,
तो नहीं दिखूंगा मैं,
तुम रहो खुश।
तुम जो सोचती हो,
गलत सोचती हो।
ऐसा कुछ नहीं है जो तुम सोच रही हो,
ऐसा कुछ होगा भी नहीं,
जिस बात का डर है तुम्हें।
यह बस साथ में एक कप चाय पीने तक की बात है,
चाय से ज्यादा कुछ नहीं।
फिर भी तुम इसे लेकर आश्वस्त नहीं,
तो छोड़ देते हैं इस बात को।
लेकिन अब कुछ भी सामान्य नहीं रहेगा
हमारे तुम्हारे बीच।
मैं सामान्य ही था,
तुमने जो किया,
वो असामान्य था।
हर कुछ तुम तय नहीं करोगी।
अगर घृणा ही करना है,
तो कोशिश करूंगा
उतनी ही शिद्दत से नफरत करूं
जितने से शायद कभी प्यार करता।
रूपेश रंजन
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