"मैं बस मैं हूँ"...
"मैं बस मैं हूँ"
मैं कुछ अलग, या कुछ ज्यादा ही सरल हूँ,
ऐसी कोई बात नहीं है, ये बस एक धोखा है जुनून।
शायद मैं वैसा ही हूँ, जैसा होना चाहिए,
एक साधारण मानव, जो जीवन को समझना चाहता हैं।
मैं न कोई आदर्श, न कोई मिसाल हूँ,
बस अपनी ही तलाश में एक सफर पर निकल चला हूँ।
मैं बेहतर बनने का सदा प्रयास करता हूँ,
हर दिन नए अरमानों की रोशनी भरना चाहता हूँ।
पर अगर ये कहा जाए कि मैं सीधा-सादा हूँ,
ज़माने के हिसाब से ज्यादा शरीफ और भोला हूँ,
तो मैं इतना ही कहूँगा, इतना ही बताऊँगा,
शायद आप भटक गए हैं, रास्ते से हट गए हैं।
सीधा होने का मतलब कमजोर होना नहीं,
सादगी का मतलब दुनिया से अंजाने रहना नहीं।
मैं बस मैं हूँ, अपनी सोच का मालिक हूँ,
सचाई के रास्ते पर चलते हुए एक आशावादी शिल्प हूँ।
तो जो भी सोचो, जो भी समझो,
मुझे किसी तराज़ू में मत तौलना,
मैं बस जीवन को जीने आया हूँ,
अपने सपनों का राग बोलने !
रूपेश रंजन
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